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ITI को 11वीं-12वीं की मान्यता, छात्र डिग्री कोर्स में ले सकते हैं दाखिला

दिल्ली स्किल यूनिवर्सिटी से जिन छात्रों ने आईटीआई की है उनके आईटीआई कोर्स को 11वीं-12वीं की मान्यता मिली है। यहां 10वीं कक्षा के बाद आईटीआई करने वाले छात्र सीधे डिग्री, डिप्लोमा कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। इससे छात्रों का यह डर दूर हो जाता है कि अगर दसवीं के बाद सीधे आईटीआई में आ गये तो उनकी 11वीं-12वीं का क्या होगा। दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी ने बताया कि आईटीआई के छात्रों के इस डर को दूर करने के लिए यह काम किया गया है।
 
आईटीआई को 11वीं-12वीं की मान्यता, छात्र डिग्री कोर्स में ले सकते हैं दाखिला

नई दिल्ली, 6 नवंबर - दिल्ली स्किल यूनिवर्सिटी से जिन छात्रों ने आईटीआई की है उनके आईटीआई कोर्स को 11वीं-12वीं की मान्यता मिली है। यहां 10वीं कक्षा के बाद आईटीआई करने वाले छात्र सीधे डिग्री, डिप्लोमा कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। इससे छात्रों का यह डर दूर हो जाता है कि अगर दसवीं के बाद सीधे आईटीआई में आ गये तो उनकी 11वीं-12वीं का क्या होगा। दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी ने बताया कि आईटीआई के छात्रों के इस डर को दूर करने के लिए यह काम किया गया है। दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को आईटीआई में छात्रों के साथ संवाद किया। कोर्सेज के महžव पर चर्चा की और इस बात पर चर्चा की, कि वे आईटीआई के बाद अपना क्या भविष्य देखते हैं। संवाद के दौरान छात्रों ने बताया कि आईटीआई के प्रोफेशनल कोर्सेज से उन्हें ग्रेजुएशन से ज्यादा आत्मविश्वास मिल रहा है। अब उन्हें इस बात का डर नहीं है कि कोर्स के बाद उन्हें नौकरी के लिए भटकना पड़ेगा।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आईटीआई जैसे संस्थानों से ट्रेनिंग लेकर निकलने वाले हुनरमंद छात्र भविष्य की नई इबारत लिखेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा देश विकसित तभी बनेगा जब देश का हर युवा स्किल्ड हो, इसलिए डिग्री हासिल करने के साथ-साथ युवाओं को हुनरमंद बनना होगा।

बता दें कि आईटीआई में पिछले कुछ सालों में इंडस्ट्री व बाजार की जरूरतों को देखते हुए बहुत से आधुनिक कोर्सेज की शुरूआत कि गई है। इन आईटीआई में पढने वाले लगभग शत प्रतिशत बच्चों का प्लेसमेंट हो जाता है या फिर वे अपना खुद का काम शुरू कर देते है। आईटीआई विजिट के दौरान उपमुख्यमंत्री ने देखा कि यहां मौजूद बहुत से बच्चे 12वीं व ग्रेजुएशन के बाद आईटीआई कर रहे है।

शिक्षामंत्री ने छात्रों से पूछा कि ऐसा क्यों है कि 11वीं-12वीं व ग्रेजुएशन के बाद भी युवा वो कोर्स कर रहे है जो वे 10वीं के बाद कर सकते हैं। इसपर हर छात्र ने इस बात को बहुत अच्छे से बताया कि आईटीआई का उनका कोर्स से उन्हें 11वीं-12वीं या ग्रेजुएशन की पढाई से ज्यादा आत्मविश्वास दे रहा है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के बहुत से देशों में अब ये मानसिकता बदलने लगी है और उन्होंने शिक्षा को लेकर अपनी परम्परागत मान्यताओं से दूर जाना शुरू कर दिया है और टेक्निकल एजुकेशन पर फोकस किया है। भारत में भी हमें इस सोच के साथ आगे बढ़ने की जरुरत है।

सिसोदिया ने आईटीआई के छात्रों से आह्वान किया कि एक ऐसे समाज में जहां यह माना जाता है कि यदि ग्रेजुएशन नहीं की तो बच्चे की पढाई में बहुत बड़ी कमी रह गई। वैसे समाज में हमें बच्चों को प्रोफेशनल कोर्स की ओर मोड़ना है तो हमारे आईटीआई के बच्चों को हमारे स्कूलों के बच्चों को इंस्पायर करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द ही एक कार्यक्रम डिजाईन करेंगे जिसमें आईटीआई के बच्चों को स्कूलों में आईटीआई के लिए संभावित बच्चों से संवाद करवाया जायेगा और प्रोफेशनल कोर्सेज के लिए प्रेरित किया जायेगा।