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RAJASTHAN: रैंक सत्यापित करने के लिए टॉपर्स को दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता हो सकती है

 
राजस्थान: रैंक सत्यापित करने के लिए टॉपर्स को दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता हो सकती है
 बहुप्रतीक्षित राजस्थान निजी संस्थागत शैक्षिक नियामक प्राधिकरण विधेयक 2022 जल्द ही विधानसभा में पेश किया जाएगा, जिससे शिक्षा प्रणाली में कई बदलाव आएंगे। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी है। सूत्रों के अनुसार, बिल में क्या-क्या होगा उसकी बात करें तो, बिल निजी कोचिंग सेंटरों द्वारा टॉपर्स के बारे में फर्जी दावों पर 1 करोड़ रुपये का जुमार्ना लगाता है। यह पंजीकरण को वापस लेने का भी समर्थन करता है और वास्तव में बैनर, पोस्टर और विज्ञापन लगाकर टॉपर्स के महिमामंडन पर सख्ती से प्रतिबंध लगाता है।

साथ ही, विज्ञापनों पर भी एक सीमा होगी। इसके अलावा, कोचिंग सेंटरों द्वारा दावा किए जा रहे टॉपर्स को सच्चाई सत्यापित करने के लिए दस्तावेजों के साथ बुलाया जाएगा। बिल आगे एक योग्यता परीक्षा की सिफारिश करता है जो एक छात्र को प्रतियोगी परीक्षा के किसी भी कोचिंग सेंटर में पंजीकृत होने से पहले एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा आयोजित किया जाएगा। इस संबंध में अभिभावकों को भी सूचना मिल जाएगी।

शिक्षाविदों के साथ एक समिति ने विधेयक का मसौदा तैयार किया है जिसमें निजी शिक्षण संस्थानों में एक बच्चे को पढ़ाने की चुनौतियों पर अंतर्²ष्टि साझा की गई है। यह इन संस्थानों में काउंसलर की नियुक्ति को अनिवार्य करने का भी सुझाव देता है।

पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी (भाजपा) ने कहा, बिल हमारी सरकार के समय से चर्चा में है। हालांकि, अगर कांग्रेस सरकार इसे पेश करती है, तो इसे लागू करने के लिए समय नहीं बचेगा। हालांकि अगर हमारी सरकार आती है तो हम माता-पिता का शोषण रोकने के लिए चर्चा करेंगे। राजस्थान के शिक्षा मंत्री बी.डी. कल्ला से भी हमारी टीम ने संपर्क करने की कोशिश की हालांकि, उन्होंने कॉल का जवाब नहीं दिया।