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गैर-मुस्लिम बच्चों की मदरसों में पढ़ाई को लेकर एनसीपीसीआर और यूपी मदरसा बोर्ड आमने-सामने

मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों को पढ़ाने को लेकर यूपी मदरसा बोर्ड और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) आमने सामने आ गए हैं। एनसीपीसीआर ने पिछले दिनों यूपी सरकार को एक पत्र लिखकर कहा था कि मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों का सर्वे कर उनका प्रवेश अन्य स्कूलों में कराया जाए।
 
नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)| मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों को पढ़ाने को लेकर यूपी मदरसा बोर्ड और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) आमने सामने आ गए हैं। एनसीपीसीआर ने पिछले दिनों यूपी सरकार को एक पत्र लिखकर कहा था कि मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों का सर्वे कर उनका प्रवेश अन्य स्कूलों में कराया जाए। इस सिफारिश को यूपी मदरसा बोर्ड ने खारिज कर दिया। अब एक बार फिर एनसीपीसीआर ने इस मामले में कार्यवाही करने को लेकर उत्तरप्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ विभाग के विशेष सचिव को नोटिस भेजा है।  एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने नोटिस में कहा है कि 8-12-2022 को भेजे पत्र पर अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ विभाग के तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गई है और ना ही आयोग को इस संबंध में कोई रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इसके अलावा, आयोग को विभिन्न मीडिया रिपोर्टें मिलीं जिनमें यूपी राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने मदरसों में अन्य धर्मों के बच्चों के बने रहने की वकालत करते हुए विभिन्न मीडिया पर अप्रासंगिक और अलग-अलग बयान दिए हैं।  आयोग ने कहा कि वो यूपी राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के बयान से पूरी तरह असहमत है, जो न केवल बच्चों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है बल्कि आयोग के शासनादेश का भी अनादर करता है। आयोग ने विशेष सचिव से कहा कि दिनांक 8-12-2022 को भेजे पत्र पर आयोग की सिफारिशों के अनुसार मामले में तत्काल उचित कार्रवाई करें और इस पत्र की प्राप्ति से 3 दिनों के भीतर एक अनुपालन रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत की जाए।  गौरतलब है कि बुधवार को यूपी मदरसा बोर्ड की बैठक चेयरमैन डा. इफ्तिखार जावेद की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने बताया कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग का पत्र प्रदेश शासन के जरिये मदरसा बोर्ड को मिला था जिस पर विचार किया गया। निर्णय लिया गया कि आयोग का यह निर्देश कि गैर मुस्लिम बच्चों को मदरसों से निकाल कर अन्यत्र उनके पठन पाठन की व्यवस्था की जाए इसे पूरी तरह खारिज करते हुए निर्णय लिया गया कि यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड ऐसी कोई कार्यवाही नहीं करेगा।
नई दिल्ली, 20 जनवरी- मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों को पढ़ाने को लेकर यूपी मदरसा बोर्ड और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) आमने सामने आ गए हैं। एनसीपीसीआर ने पिछले दिनों यूपी सरकार को एक पत्र लिखकर कहा था कि मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों का सर्वे कर उनका प्रवेश अन्य स्कूलों में कराया जाए। इस सिफारिश को यूपी मदरसा बोर्ड ने खारिज कर दिया। अब एक बार फिर एनसीपीसीआर ने इस मामले में कार्यवाही करने को लेकर उत्तरप्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ विभाग के विशेष सचिव को नोटिस भेजा है।

एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने नोटिस में कहा है कि 8-12-2022 को भेजे पत्र पर अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ विभाग के तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गई है और ना ही आयोग को इस संबंध में कोई रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इसके अलावा, आयोग को विभिन्न मीडिया रिपोर्टें मिलीं जिनमें यूपी राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने मदरसों में अन्य धर्मों के बच्चों के बने रहने की वकालत करते हुए विभिन्न मीडिया पर अप्रासंगिक और अलग-अलग बयान दिए हैं।

आयोग ने कहा कि वो यूपी राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के बयान से पूरी तरह असहमत है, जो न केवल बच्चों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है बल्कि आयोग के शासनादेश का भी अनादर करता है। आयोग ने विशेष सचिव से कहा कि दिनांक 8-12-2022 को भेजे पत्र पर आयोग की सिफारिशों के अनुसार मामले में तत्काल उचित कार्रवाई करें और इस पत्र की प्राप्ति से 3 दिनों के भीतर एक अनुपालन रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत की जाए।

गौरतलब है कि बुधवार को यूपी मदरसा बोर्ड की बैठक चेयरमैन डा. इफ्तिखार जावेद की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने बताया कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग का पत्र प्रदेश शासन के जरिये मदरसा बोर्ड को मिला था जिस पर विचार किया गया। निर्णय लिया गया कि आयोग का यह निर्देश कि गैर मुस्लिम बच्चों को मदरसों से निकाल कर अन्यत्र उनके पठन पाठन की व्यवस्था की जाए इसे पूरी तरह खारिज करते हुए निर्णय लिया गया कि यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड ऐसी कोई कार्यवाही नहीं करेगा।