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NCERT का खुलासा: परीक्षा व नतीजे की चिंता से दबाव में रहते हैं 33 फीसदी छात्र, 3.79 लाख बच्चों पर सर्वेक्षण

 
CEM

नई दिल्ली, 8 सितंबर | केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत स्कूली छात्रों पर किया गया एक सर्वे बताता है कि लगभग 51 प्रतिशत छात्रों को स्कूल द्वारा सिखाए जाने वाले ऑनलाइन विषयों एवं पाठ्य सामग्री को समझने में परेशानी होती है। दरअसल यह छात्रों का एक स्वास्थ्य सर्वे है और यह सर्वे यह भी बताता है कि 33 फीसदी छात्र स्कूली पढ़ाई के दौरान किसी न किसी दबाव में रहते हैं। हालांकि इस सर्वे से एक अच्छी बात यह निकल कर सामने आई है की स्कूल जाने वाले 73 प्रतिशत छात्र अपनी पढ़ाई से संतुष्ट हैं। इन छात्रों ने अपने स्कूली माहौल पर भी संतोष व्यक्त किया है। यह सर्वे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा किया गया है। एनसीईआरटी ने देशभर के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 3.79 लाख से ज्यादा छात्रों की परफॉर्मेंस एवं व्यवहार के आधार पर पर यह सर्वे रिपोर्ट तैयार की है।

सर्वे कक्षा 6 से कक्षा 12 के बीच पढ़ने वाले छात्रों पर किया गया है। एनसीईआरटी के इस मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण से पता चलता है कि कक्षा 6 से 12 तक के 73 प्रतिशत छात्र अपनी शिक्षा और स्कूल के वातावरण से संतुष्ट हैं। वहीं दूसरी ओर लगभग 33 प्रतिशत छात्रों की स्थिति चिंता का विषय है। एनसीईआरटी के इस सर्वेक्षण के मुताबिक स्कूल जाने वाले लगभग 33 प्रतिशत छात्र अपने स्कूली वातावरण के दौरान दबाव में रहते हैं।

इसके अलावा एनसीईआरटी द्वारा स्कूली छात्रों पर किया गया यह सर्वे बताता है कि 29 प्रतिशत स्कूली छात्रों में एकाग्रता का अभाव है। वहीं दूसरी ओर स्कूल जाने वाले करीब 43 प्रतिशत छात्रों में मूड स्विंग का का भाव देखा गया है। एनसीईआरटी का सर्वे यह भी बतलाता है कि 51 प्रतिशत छात्रों को स्कूल द्वारा सिखाए जाने वाले ऑनलाइन विषयों एवं पाठ्य सामग्री को समझने में परेशानी होती है। सर्वे यह भी बतलाता है कि स्कूलों के 28 प्रतिशत छात्र शिक्षकों से सवाल पूछने में झिझकते हैं।

गौरतलब है कि अभी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षकों से छात्रों में प्रश्न पूछने और अपनी शंका व्यक्त करने की आदत को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि अधिक से अधिक प्रश्नों के उत्तर देने और शंकाओं का समाधान करने से उनका ज्ञान भी बढ़ेगा। एक अच्छा शिक्षक हमेशा कुछ नया सीखने के लिए उत्साहित रहता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि यह शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने छात्रों में विज्ञान और अनुसंधान के प्रति रुचि पैदा करें। अच्छे शिक्षक प्रकृति में मौजूद जीवित उदाहरणों की सहायता से जटिल सिद्धांतों को सरल बनाकर समझा सकते हैं। उन्होंने शिक्षकों के बारे में एक प्रसिद्ध कहावत का जिक्र करते हुए कहा एक औसत दर्जे का शिक्षक किसी बात को बताता है, अच्छा शिक्षक उसे समझाता है, श्रेष्ठ शिक्षक प्रदर्शित करता है, और महान शिक्षक प्रेरित करते हैं।

उन्होंने कहा कि एक आदर्श शिक्षक में ये चारों ही गुण होते हैं। ऐसे आदर्श शिक्षक ही छात्रों के जीवन का निर्माण कर सही अर्थों में राष्ट्र का निर्माण करते हैं।