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दिल्ली के होनहार: सरकारी स्कूलों के 1141 बच्चों ने NEET और JEE की परीक्षा में परचम लहराया

 
दिल्ली के होनहार: सरकारी स्कूलों के 1141 बच्चों ने NEET और JEE की परीक्षा में परचम लहराया

नई दिल्ली, 17 सितंबर | इस बार दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कुल 1141 बच्चों ने जेईई और नीट में सफलता हासिल की है। दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों के इन छात्रों को सम्मानित किया है। सरकारी स्कूलों के 648 बच्चे नीट और 493 बच्चे जेईई में सफल हुए हैं। परीक्षाओं में सफल हुए यह बच्चे गरीब परिवारों से हैं और विषम परिस्थितियों में रहते हैं। नीट परीक्षा पास करने वालों में 199 लड़के हैं और 449 लड़कियां हैं। जेईई में 493 बच्चे सफल हुए हैं। यहां 404 लड़के और 89 लड़किया सफल हुई हैं। दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-17 स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास करने वाले करण तनेजा नीट की परीक्षा में 402 (जनरल-ईडब्ल्यूएस) रैंक हासिल किया है। 11वी कक्षा में उन्होंने इस स्कूल में एडमिशन लिया था। इससे पहले, उन्होंने सर्वोदय विद्यालय पीतमपुरा में पढ़ाई की है। जब करण तनेजा मात्र 10 साल के थे, उस दौरान उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई थी। माता-पिता का सपना था कि भविष्य में करण डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करें। करण का बड़ा भाई दुकान में काम करता है और हर माह केवल 8 हजार रुपये कमाकर परिवार की जरुरतों को पूरा कर रहा है।

तुगलकाबाद स्थित रेलवे कॉलोनी-एसकेवी (रानी झांसी) से 12वीं की परीक्षा पास करने वाली अंजलि सिंह ने नीट की परीक्षा में 598 (जनरल-पीएच) रैंक हासिल किया है। अंजलि के पिता सुरक्षा गार्ड हैं और मां गृहिणी हैं। वह 8वीं कक्षा तक प्राइवेट स्कूल में पढ़ी थी लेकिन आर्थिक तंगी के कारण अंजलि को स्कूल छोड़ना पड़ा। इसके बाद उन्होंने सरकारी स्कूल में दाखिला लिया। अंजलि ने बिना किसी कोचिंग के नीट की परीक्षा में सफलता हासिल की है और अपनी फैमिली में वह डॉक्टर बनने के लिए पढ़ाई करने वाली पहली लड़की हैं।

हर्ष ने जेई की परीक्षा में 569 (जनरल-ईडब्ल्यूएस) रैंक नंबर हासिल किया है। उनके पिता का साप्ताहिक बाजार में स्टॉल लगाते हैं और माता गृहिणी हैं। कोरोना महामारी के दौरान अपने पिता के स्टॉल में मदद करने के लिए उन्हें 11वीं कक्षा में क्लासेज छोड़नी पड़ीं। उनके शिक्षक राजीव, सुधीर, रजनी ने उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित करते रहे। वे उनके साथ ई-बुक्स शेयर करते थे, ताकि वह अपने पिता की मदद करते हुए टैब पर आसानी से पढ़ाई कर सकें। जब वह 12वीं कक्षा में थे, तो उनकी मां काम पर जाने लगीं, ताकि बेटा जेईई की पढ़ाई कर सकें। जेईई मेंस की परीक्षा से ठीक पहले उन्हें दिल की बीमारी का पता चला था, जिसकी तत्काल सर्जरी होनी थी। इसके कारण उन्होंने जेईई की परीक्षा न देने का फैसला किया। लेकिन हर्ष के शिक्षकों ने उन्हें देने के लिए प्रेरित किया।

दिल्ली के होनहार: सरकारी स्कूलों के 1141 बच्चों ने NEET और JEE की परीक्षा में परचम लहराया

आदर्श नगर स्थित जीबीएसएसएस-1 से 12वीं की परीक्षा पास करने वाले मुकेश कुमार ने नीट की परीक्षा में 504 (एससी) रैंक हासिल किया है। वह पहले गोरखपुर में रहते थे। लेकिन बेहतर अवसरों के लिए उनके पिता ने दिल्ली आने का फैसला लिया। उनके पिता पेशे से पेंटर हैं। खास बात यह है कि मुकेश अपने परिवार में पहले ग्रेजुएट होंगे।

सेक्टर-17 रोहिणी स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास करने वाले प्रेरित गौतम ने नीट की परीक्षा में 405 (जनरल-ईडब्ल्यूएस) रैंक हासिल की है। उनके पिता ऑटो चालक हैं। साल 2019 में आंत के अल्सर का गलत इलाज किया गया था। ऐसे में उनके इलाज में काफी खर्च आ?ा और उन्हें कर्ज लेना पड़ा। पिता की यह स्थिति देख उन्होंने मेडिकल के क्षेत्र में आगे बढ़ने का फैसला लिया, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

तुगलकाबाद के रानी झांसी सर्वोदय कन्या विद्यालय से 12वीं की परीक्षा पास करने वाली प्रिया मीना ने नीट की परीक्षा में 597 (एससी) रैंक हासिल किया है। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते प्रिया के पैरेंट्स ने निजी स्कूल से सरकारी स्कूल में उनका दाखिला लिया था। अन्य छात्रों और विशेष रूप से निजी स्कूलों के छात्रों के साथ तुलना करने से उनका मनोबल गिरने लगा था, लेकिन 10वीं में उनकी शिक्षिका रजनी बाला ने उनमें आत्मविश्वास पैदा किया।

पश्चिम विहार, ए 6-आरपीवीवी से 12वीं की परीक्षा पास करने वाली कार्तिक ने जेई की परीक्षा में 881 (एससी) रैंक हासिल किया है। उनके पिता एक जूता बनाने वाली एक कंपनी में मजदूर हैं। कार्तिक को कोविड-19 के दौरान आर्थिक रूप से काफी संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि उनके पास ऑनलाइन कक्षाओं में हिस्सा लेने और पढ़ाई करने के लिए कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस तक नहीं था। ऐसी स्थिति में स्कूल की ओर से उन्हें टैब दिया गया। साथ ही सीएम वाई-फाई ने उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने में मदद की।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के त्याग राज स्टेडियम में इन सभी छात्रों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि मेरा जेईई में 563 रैंक आया था। मुख्यमंत्री ने छात्रों से कहा कि उन्हें विदेश जाने का अवसर मिले तो जाना लेकिन लौट कर वापस अपने देश में जरूर आना।