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DHAMTARI NEWS: तिमाही परीक्षा के साफ्टकापी लीक, फोटोकापी में स्कूलों के लाखों रुपये बर्बाद

शिक्षा विभाग की भारी लापरवाही का खामियाजा स्कूल प्रबंधकों को भुगतना पड़ा। विभाग के आदेशानुसार जिले में साफ्टकापी के फोटोकापी कराने लाखों रुपये खर्च हो गए, तब प्रश्न पत्र के लीक होने की जानकारी दी गई।
 
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धमतरी, 27 सितंबर । शिक्षा विभाग की भारी लापरवाही का खामियाजा स्कूल प्रबंधकों को भुगतना पड़ा। विभाग के आदेशानुसार जिले में साफ्टकापी के फोटोकापी कराने लाखों रुपये खर्च हो गए, तब प्रश्न पत्र के लीक होने की जानकारी दी गई। यह प्रश्न पत्र बेकार साबित हुआ और स्कूलों में ब्लेकबोर्ड पर प्रश्न लिखाकर कुछ स्कूलों में तिमाही परीक्षा ली गई। विद्यार्थी अपने घरों से कागज लाकर उत्तर पुस्तिका बनाकर परीक्षा दिए। परीक्षा निरस्त होने के बाद स्कूल प्रबंधन अपने सुविधानुसार तिथियों में परीक्षा ले रही है।

शासन के आदेशानुसार 26 सितंबर से जिलेभर के प्राथमिक, माध्यमिक, हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में तिमाही परीक्षा होना था, लेकिन शासन से जारी प्रश्न पत्र के साफ्टकापी लीक होने के बाद से धमतरी जिले में यह परीक्षा निरस्त कर दी गई। साथ ही स्कूलों को अपने स्तर पर प्रश्न पत्र तैयार कर 10 अक्टूबर तक अलग-अलग समय पर तिमाही परीक्षा आयोजित करने निर्देशित किया गया है, इसके आधार पर परीक्षा होगी। ऐसे में सभी स्कूल तिमाही परीक्षा के लिए अपने सुविधानुसार तिथि तय कर लिया है। 26 सितंबर को शहर से लगे भटगांव के शासकीय स्कूलों में विद्यार्थियों की तिमाही परीक्षा हुई। परीक्षा के पहले दिन सभी स्कूलाें के विद्यार्थी अपने घरों से कागज लेकर परीक्षा दिलाने पहुंचे। इसी कागज को उत्तर पुस्तिका बनाया और शिक्षकों ने स्कूलों के ब्लेकबोर्ड पर प्रश्न लिखा। इसे प्रश्न पत्र मानकर विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। हालांकि परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों में काफी उत्साह था।

लाखों रुपये का हुआ फोटोकापी
26 सितंबर से तिमाही परीक्षा शुरू होने के आदेशानुसार शासन से जारी प्रश्न पत्रों के साफ्टकापी का अधिकांश स्कूल प्रबंधकों ने हजारों रुपये खर्च कर फोटोकापी करा लिया। प्रत्येक स्कूलों में पांच से छह हजार रुपये खर्च कर फोटोकापी कराया गया है, इससे फोटोकापी दुकानों में काफी भीड़ रही। जबकि इन शिक्षकों को प्रश्न पत्र लीक होने की जानकारी ही नहीं थी। जब शासन से प्रश्न पत्रों के लीक होने की जानकारी सार्वजनिक की गई, तो ऐसे स्कूल प्रबंधकों के होश उड़ गए, क्योंकि वे लीक हुए प्रश्न पत्रों के बड़ी संख्या में फोटोकापी करा चुके थे। जिले में करीब 1700 शासकीय स्कूलें संचालित है। अब उन्हें प्रश्न पत्रों के फोटोकापी में खर्च हुए रुपये कहां से मिलेंगे, यह चिंता सताने लगी है। ज्यादातर स्कूल प्रबंधन शिक्षा विभाग की मैनेजमेंट को कोस रहे हैं। इस संबंध में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी रविन्द्र मिश्रा ने कहा कि स्कूल प्रबंधकों को बड़ी संख्या में प्रश्न पत्रों के साफ्टकापी का फोटोकापी कराने कोई आदेश जारी नहीं किया गया था। प्रश्न पत्रों के लीक होने के बाद यह परीक्षा निरस्त कर दी गई है। साथ ही स्कूलों को आदेश जारी किया गया है कि तिमाही परीक्षा 10 अक्टूबर तक अपने सुविधानुसार कोई भी समय पर आयोजित करा सकते हैं।