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'अनुसंधान, शिक्षा, उद्योग और स्टार्टअप के बीच घनिष्ठ तालमेल आगे बढ़ने का रास्ता'

अनुसंधान, शिक्षा, उद्योग और स्टार्टअप के बीच घनिष्ठ तालमेल भारत के लिए सच्चे अर्थो में आत्मनिर्भर बनने का रास्ता है, यह बातें कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कही हैं। जम्मू-कश्मीर में एनसीईजी के रजत जयंती संस्करण ई-गवर्नेस (एनसीईजी) पर 25वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए, जितेंद्र सिंह ने कहा, सुशासन का अंतिम उद्देश्य आम आदमी के जीवन में आसानी लाना है।
 
अनुसंधान, शिक्षा, उद्योग और स्टार्टअप के बीच घनिष्ठ तालमेल भारत के लिए सच्चे अर्थो में आत्मनिर्भर बनने का रास्ता है, यह बातें कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कही हैं। जम्मू-कश्मीर में एनसीईजी के रजत जयंती संस्करण ई-गवर्नेस (एनसीईजी) पर 25वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए, जितेंद्र सिंह ने कहा, सुशासन का अंतिम उद्देश्य आम आदमी के जीवन में आसानी लाना है।

नई दिल्ली, 28 नवंबर -| अनुसंधान, शिक्षा, उद्योग और स्टार्टअप के बीच घनिष्ठ तालमेल भारत के लिए सच्चे अर्थो में आत्मनिर्भर बनने का रास्ता है, यह बातें कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कही हैं। जम्मू-कश्मीर में एनसीईजी के रजत जयंती संस्करण ई-गवर्नेस (एनसीईजी) पर 25वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए, जितेंद्र सिंह ने कहा, सुशासन का अंतिम उद्देश्य आम आदमी के जीवन में आसानी लाना है।

जम्मू और कश्मीर राज्य सरकार के सहयोग से प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 26-27 नवंबर को ई-गवर्नेस पर 25वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया है। इस सम्मेलन का विषय नागरिकों, उद्योग और सरकार को करीब लाना है।

सम्मेलन की थीम 'नागरिकों, उद्योग और सरकार को करीब लाना' पर मंत्री ने कहा, आज के समय में यह बेहद जरूरी हो गया है, क्योंकि साइलो में काम करने के दिन खत्म हो गए हैं। मंत्री ने कहा कि वेब 3.0, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नियमित तकनीकी व्यवधानों के साथ बढ़ते डिजिटलीकरण के युग में पीएम मोदी के भारत के टेकेड के दृष्टिकोण को व्यापक डिजिटल माध्यम से महसूस किया जा सकता है।

मंत्री ने कहा, भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए अगले दशक में डिजिटल नवाचार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे विषयों और प्रौद्योगिकियों के बारे में बातचीत की जरूरत होगी, जो भविष्य में नागरिकों को सरकारी सेवाओं के वितरण को बढ़ाने के लिए डिजिटल शासन को आकार देंगे।