पूरे देश में 35 लाख स्टूडेंट नहीं कर पाएं 10वीं पास

इस साल जहां कई बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे घोषित हो चुके हैं, वहीं कुछ बोर्डों के नतीजे आने बाकी हैं। अब तक घोषित नतीजों से पता चलता है कि इस साल 35 लाख छात्रों को 11वीं कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। यह विश्लेषण शिक्षा मंत्रालय ने किया है। हालांकि, ये सभी छात्र फेल नहीं हुए। अगर अलग से बात करें तो 27.5 लाख छात्र 10वीं की परीक्षा पास नहीं कर सके, जबकि 7.5 लाख छात्रों ने 10वीं की परीक्षा ही नहीं दी.
ये सबसे बड़े बोर्ड हैं
इस विश्लेषण में राज्य बोर्ड के सभी छात्रों को भी शामिल किया गया था। मूल्यांकन में पाया गया कि देश में पांच प्रमुख बोर्ड हैं जिनमें कुल छात्रों का पचास प्रतिशत शामिल है। इनके नाम हैं- उत्तर प्रदेश, सीबीएसई, महाराष्ट्र बोर्ड, बिहार और पश्चिम बंगाल। शेष 55 बोर्डों में शेष 50 प्रतिशत छात्र नामांकित थे।
भारत में कई केंद्रीय बोर्ड हैं
भारत में तीन केंद्रीय बोर्ड हैं। इनके नाम हैं सीबीएसई यानी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, सीआईएससीई यानी काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन और एनआईओएस यानी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग। इसके अलावा, हमारे देश में 60 राज्य बोर्ड हैं।
इन दोनों राज्यों के नतीजों में काफी अंतर था।
जिन दो राज्यों के नतीजों में इस बार बड़ा अंतर रहा है वो हैं मेघालय और केरल। एक राज्य का पास प्रतिशत बहुत अच्छा था, जबकि दूसरे राज्य का पास प्रतिशत बहुत खराब था। केवल में इस बार सीनियर सेकेंडरी में कुल 99.85 छात्र पास हुए हैं, जबकि मेघालय के सीनियर सेकेंडरी में 57 फीसदी हैं.
किन राज्यों के छात्रों ने छोड़ी परीक्षा
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल स्कूल छोड़ने वाले 85 फीसदी छात्र इन्हीं राज्यों से हैं। इनके नाम हैं- यूपी, बिहार, एमपी, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक, असम, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और छत्तीसगढ़।