जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एंट्रेंस एग्जाम परिणामों में देरी से छात्रों में बढ़ी चिंता

परिणामों की घोषणा में देरी
दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पोस्ट ग्रेजुएट और अंडर ग्रेजुएट कोर्स के एंट्रेंस एग्जाम के परिणामों की घोषणा में काफी समय लग रहा है। छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच इस देरी को लेकर चिंता और नाराजगी बढ़ती जा रही है।
छात्रों की नाराजगी: 25 दिन में रिजल्ट का वादा
यूनिवर्सिटी द्वारा जारी प्रॉस्पेक्टस में कहा गया था कि परीक्षा के परिणाम 20 से 25 दिन के भीतर घोषित किए जाएंगे। लेकिन कई कोर्स, जैसे कि अंग्रेजी और अरबी के यूजी एग्जाम, अप्रैल के अंत में हुए थे और अब 45 से 50 दिन बीत चुके हैं। इस देरी के कारण छात्रों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है और वे अपने भविष्य के शैक्षणिक और करियर निर्णयों को लेकर चिंतित हैं।
यूनिवर्सिटी प्रशासन का बयान
जब इस मुद्दे पर यूनिवर्सिटी की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, प्रोफेसर सायमा सईद से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि सभी प्रक्रियाएँ समय पर चल रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जामिया अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में तेज़ी से परिणाम घोषित करती है, लेकिन मल्टी-सिटी एग्जाम्स के कारण थोड़ा समय लग सकता है। छात्रों ने इस बयान पर असहमति जताई है।
आधिकारिक दस्तावेजों में क्या कहा गया?
यूनिवर्सिटी के एंट्रेंस टेस्ट शेड्यूल में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि परीक्षा के बाद परिणाम 20 से 25 दिन में आ जाएंगे। उदाहरण के लिए, यदि परीक्षा 1 मई को हुई थी, तो परिणाम 25 मई तक आ जाना चाहिए था। लेकिन अब जून का मध्य भी बीत चुका है और कोई ठोस अपडेट नहीं आया है।
छात्रों की मांगें
छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से अनुरोध किया है कि वे परिणाम घोषित करने की एक निश्चित तारीख बताएं। इसके साथ ही, इंटरव्यू और ग्रुप डिस्कशन की संभावित तारीखों की भी जानकारी दी जाए ताकि छात्र समय पर तैयारी कर सकें।
पारदर्शिता की आवश्यकता
जामिया मिल्लिया इस्लामिया को देश की प्रमुख यूनिवर्सिटी माना जाता है, और छात्रों को उच्च स्तर की प्रशासनिक पारदर्शिता की अपेक्षा होती है। यदि परिणामों में देरी हो रही है, तो यूनिवर्सिटी को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। छात्रों को यह विश्वास दिलाना आवश्यक है कि उनका भविष्य किसी प्रणालीगत विलंब का शिकार नहीं होगा।