JNU में पीएचडी दाखिले के लिए CBT परीक्षा का आयोजन
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में नई परीक्षा प्रक्रिया
JNU: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए सिनेमा स्टडी सेंटर और कोरियन स्टडी सेंटर में पीएचडी दाखिलों के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि ये दोनों विषय यूजीसी की नेट परीक्षा की सूची में शामिल नहीं हैं। ऐसे में इन केंद्रों की 22 सीटों पर दाखिले अब JNU द्वारा आयोजित परीक्षा और वायवा के माध्यम से किए जाएंगे। विश्वविद्यालय जल्द ही आवेदन प्रक्रिया और परीक्षा की तारीखों की जानकारी साझा करेगा।
JNU प्रशासन ने सिनेमा स्टडी सेंटर और कोरियन स्टडी सेंटर में पीएचडी दाखिलों के लिए CBT परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी और इसके बाद वायवा राउंड भी होगा।
UGC की गाइडलाइन से बाहर हैं ये विषय
सिनेमा स्टडीज और कोरियन स्टडीज विषय UGC की नेट परीक्षा की सूची में नहीं आते हैं। इसी कारण JNU ने अपने स्तर पर परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया ताकि छात्रों को दाखिले का अवसर मिल सके।
NTA के बजाय JNU खुद करेगा परीक्षा आयोजन
मार्च 2024 में UGC ने पीएचडी दाखिलों के लिए NTA द्वारा आयोजित NET परीक्षा को अनिवार्य किया था, लेकिन इन विषयों के बाहर होने के कारण JNU को स्वतंत्र रूप से CBT आयोजित करनी पड़ रही है।
22 सीटों पर होंगे एडमिशन
इस वर्ष JNU में लगभग 800 पीएचडी दाखिले पहले ही हो चुके हैं। जबकि इन दोनों केंद्रों में कुल 22 सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया अब शुरू की जाएगी।
JNU प्रशासन जल्द ही CBT परीक्षा की तारीख और आवेदन प्रक्रिया की घोषणा करेगा। उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट चेक करने की सलाह दी गई है।
SIS में दोबारा कराई जाएगी GBM
स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज (SIS) में चुनाव प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायत के बाद दोबारा जनरल बॉडी मीटिंग कराने का आदेश जारी हुआ है। जेएनयू छात्र संघ के संयुक्त सचिव वैभव मीणा की शिकायत पर शिकायत निवारण प्रकोष्ठ ने जांच की और एसआईएस में नियमों के उल्लंघन की पुष्टि की।
बुधवार तक पूरी होगी चुनाव प्रक्रिया
विश्वविद्यालय ने आदेश दिया है कि बुधवार तक चुनाव समिति संयोजक का चयन पूरा कर लिया जाए, जिसके बाद चुनाव कार्यक्रम घोषित किया जाएगा। जेएनयू छात्र राजनीति में एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच विवाद के कारण कई स्कूलों में जीबीएम प्रक्रिया बाधित हुई थी, जिसे अब फिर से शुरू किया जा रहा है।
