NCERT की नई इतिहास पुस्तक में महमूद ग़ज़नी के आक्रमणों पर विस्तृत जानकारी
NCERT इतिहास पुस्तक में बदलाव
NCERT इतिहास पुस्तक: कक्षा 7 के लिए जारी की गई NCERT सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में महमूद ग़ज़नी के आक्रमणों पर एक विस्तृत और विस्तारित खंड जोड़ा गया है। पहले, कक्षा 8 की पुरानी पुस्तक में इस विषय पर केवल एक पैराग्राफ था। "ग़ज़नी का विनाश और लूट" शीर्षक एक छोटे बॉक्स में "विदेशी आक्रमणकारी" के रूप में प्रस्तुत किया गया था। हालाँकि, नई पुस्तक में "ग़ज़नवी आक्रमण" शीर्षक के तहत छह पृष्ठों का खंड शामिल है।
इतिहास की पाठ्यक्रम में बदलाव का कारण
इतिहासकारों ने लंबे समय तक ऐसे आक्रमणकारियों पर ध्यान केंद्रित करने में हिचकिचाहट दिखाई है, लेकिन नई दृष्टिकोण छात्रों को इन घटनाओं का सामना करने और उनका विश्लेषण करने में मदद करेगा। इससे उन्हें यह समझने में मदद मिलेगी कि ये घटनाएँ अतीत में कैसे हुईं और भविष्य में इन्हें कैसे रोका जा सकता है। पुस्तक का यह खंड इन आक्रमणों की क्रूरता, हिंसा और लूटपाट को स्पष्ट रूप से स्वीकार करता है, जिसमें हजारों भारतीय नागरिकों के नरसंहार और कैदियों की बिक्री का उल्लेख है।
NCERT द्वारा इतिहास पाठ्यक्रम में बदलाव
NCERT ने इतिहास पाठ्यक्रम में बदलाव क्यों किया?
यह कदम NCERT द्वारा ऐतिहासिक तथ्यों की अधिक सटीक प्रस्तुति की अनुमति देगा। पुरानी NCERT संस्करणों ने बड़े मंदिरों के निर्माण पर जोर दिया, जो शासकों की शक्ति और धन को दर्शाते थे। हालाँकि, महमूद ग़ज़नी की लूट और इन मंदिरों को लक्षित करने पर कम ध्यान दिया गया। नई पुस्तक में उन इतिहासकारों के दृष्टिकोण को भी शामिल किया गया है, जिन्होंने कहा कि मंदिरों का विनाश इसलिए हुआ क्योंकि वे सार्वजनिक धन से बने थे। इसमें अल-बिरुनी के उद्धरण भी शामिल हैं, जिन्होंने शिव लिंगम के टूटने और सोमनाथ मंदिर में मूर्तियों के विनाश का उल्लेख किया है।
ग़ज़नवी आक्रमणों की क्रूरता
NCERT पुस्तक में आक्रमणों की क्रूरता:
नई कक्षा 7 की NCERT पुस्तक में "ग़ज़नवी आक्रमण" खंड में महमूद ग़ज़नी के अभियानों में हजारों भारतीय नागरिकों के नरसंहार का उल्लेख है। इनमें से कई लोगों को कैद कर लिया गया और मध्य एशिया के बाजारों में बेचा गया। पुस्तक स्पष्ट रूप से बताती है कि ये कार्य न केवल क्रूर थे, बल्कि धार्मिक रूप से प्रेरित भी थे, जो गैर-मुसलमानों (काफिरों) को मारने या दास बनाने के उद्देश्य से किए गए थे।
सोमनाथ और मथुरा का उल्लेख
सोमनाथ और मथुरा का उल्लेख:
NCERT कक्षा 7 के इतिहास पाठ्यक्रम में महमूद ग़ज़नी के 17 आक्रमणों का विवरण है। इसमें मथुरा के मंदिरों और कन्नौज में राजाओं की मूर्तियों के विनाश का विशेष उल्लेख है। सबसे महत्वपूर्ण विवरण सोमनाथ, गुजरात पर हमले का है। इस खंड में डॉ. राजेंद्र प्रसाद के एक बयान का भी उल्लेख है, जो उन्होंने 1950 में सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के उद्घाटन के समय दिया था, जिसमें मूर्तियों के टुकड़ों को मस्जिद के दरवाजों में जानबूझकर लगाया गया था।
चोल साम्राज्य और बख्तियार खिलजी
चोल साम्राज्य और बख्तियार खिलजी:
NCERT कक्षा 7 की इतिहास पुस्तक में यह नया अध्याय चोल साम्राज्य के समुद्री विस्तार और बख्तियार खिलजी के सैन्य अभियानों के साथ-साथ चलता है, जिन्होंने नालंदा और विक्रमशिला जैसे प्रमुख विश्वविद्यालयों को नष्ट किया। पुस्तक यह भी उल्लेख करती है कि चोलों ने दक्षिण भारत के हिस्सों में आक्रमणकारियों के लिए कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी, जो उत्तर भारत की स्थिति के विपरीत है।
मुख्य परिवर्तनों का सारांश
मुख्य परिवर्तनों का सारांश:
पृष्ठ संख्या: अब ग़ज़नवी आक्रमणों पर समर्पित 6-पृष्ठीय खंड।
शीर्षक: पहले केवल एक पैराग्राफ, अब ‘ग़ज़नवी आक्रमण’ शीर्षक के तहत।
फोकस: अब आक्रमणों की क्रूरता, लूटपाट और धार्मिक प्रेरणा पर अधिक जोर दिया गया है।
उल्लेख: सोमनाथ और मथुरा के विनाश का विस्तृत विवरण शामिल है।
