NIOS ऑन-डिमांड परीक्षा: 10वीं और 12वीं के प्रमाणपत्र प्राप्त करने का सरल तरीका
NIOS ऑन-डिमांड परीक्षा कार्यक्रम
10वीं और 12वीं के प्रमाणपत्र शिक्षा और रोजगार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। देशभर में कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक अपनी 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी नहीं की है। इसके अलावा, कई छात्र अपने प्राप्त अंकों से संतुष्ट नहीं हैं। ऐसे सभी व्यक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प उपलब्ध है। यदि वे तुरंत अपने 10वीं और 12वीं के प्रमाणपत्र प्राप्त करना चाहते हैं, तो वे ऑन-डिमांड परीक्षा दे सकते हैं। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) द्वारा चलाया जाता है।
ऑन-डिमांड परीक्षा क्या है?
ऑन-डिमांड परीक्षा का अर्थ है कि छात्र जब भी तैयार हों, परीक्षा दे सकते हैं। जबकि अन्य सभी बोर्ड, जैसे कि CBSE, 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं केवल साल में एक बार आयोजित करते हैं, NIOS ने छात्रों की सुविधा के लिए ऑन-डिमांड परीक्षाएं शुरू की हैं। उदाहरण के लिए, छात्र जैसे ही यह तय करते हैं कि वे परीक्षा देना चाहते हैं, वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के तुरंत बाद वे परीक्षा में बैठ सकते हैं। NIOS प्रतिदिन ऑन-डिमांड परीक्षाएं आयोजित करता है।
NIOS का ऑन-डिमांड परीक्षा प्रणाली
NIOS ने 2003 से ऑन-डिमांड परीक्षाएं आयोजित करना शुरू किया, पहले 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए। 2007 में, 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए भी ऑन-डिमांड परीक्षाएं शुरू की गईं।
परीक्षा पत्र कैसे तैयार किया जाता है?
NIOS ने ऑन-डिमांड परीक्षाओं के लिए प्रश्न पत्र तैयार करने की एक प्रणाली स्थापित की है। परीक्षा पत्र केवल हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध है। हालांकि, उम्मीदवार अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में उत्तर दे सकते हैं। प्रश्न पत्र विशेष रूप से तैयार किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, एक पूर्व-निर्मित प्रश्न बैंक से कंप्यूटर का उपयोग करके प्रश्न पत्रों का एक सेट बनाया जाता है।
परिणाम कब जारी होते हैं?
NIOS ऑन-डिमांड परीक्षा के परिणाम हर महीने जारी होते हैं। जो छात्र ऑन-डिमांड परीक्षा देते हैं, वे अपने परिणाम आधिकारिक NIOS वेबसाइट पर देख सकते हैं। NIOS केवल उन छात्रों के परिणाम प्रकाशित करता है जो परीक्षा पूरी करते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि जो छात्र मई से अक्टूबर के बीच परीक्षा देते हैं, उनके परिणाम अप्रैल सत्र के लिए माने जाएंगे। वहीं, जो छात्र नवंबर से अप्रैल के बीच परीक्षा देते हैं, उनके परिणाम मई सत्र के लिए माने जाएंगे।
