हरियाणा बोर्ड में नाम सुधार की नई प्रक्रिया से छात्रों को मिलेगी राहत
हरियाणा बोर्ड में नाम सुधार की सुविधा
हर साल, हजारों छात्र 10वीं और 12वीं कक्षा की मार्कशीट में नाम की गलतियों के कारण कठिनाइयों का सामना करते हैं। अब, हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन, भिवानी से 10वीं और 12वीं पास करने वाले छात्रों को अपने नाम की गलतियों को सीधे बोर्ड स्तर पर सुधारने की सुविधा मिलेगी। यह कदम छात्रों की समस्याओं को हल करने के लिए उठाया गया है, जिससे उन्हें दौड़-भाग करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। पहले, नाम सुधार के लिए नॉटरी से शपथ पत्र प्राप्त करना, समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित करना और कभी-कभी अदालतों के चक्कर लगाना पड़ता था। अब, यह झंझट समाप्त हो गया है।
बोर्ड अध्यक्ष द्वारा नाम सुधार की प्रक्रिया
नए सिस्टम के तहत, छात्र सीधे बोर्ड अध्यक्ष से संपर्क कर सकते हैं ताकि उनके नाम की गलतियों को सुधारा जा सके। इसके लिए उन्हें एक साधारण हस्तलिखित शपथ पत्र और पहचान के लिए आधार कार्ड या परिवार कार्ड की फोटोकॉपी जमा करनी होगी। इन दस्तावेजों के आधार पर, नाम की गलती की पुष्टि की जाएगी और सुधार किया जाएगा। इससे छात्रों का समय और पैसा दोनों बचेगा।
नाम की गलतियों से उत्पन्न समस्याएं
मार्कशीट पर एक छोटी सी नाम की गलती भी बाद में बड़ी समस्याएं पैदा कर सकती है। छात्रों को स्कूल रिकॉर्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, बैंक खातों और रोजगार दस्तावेजों में असमानताओं के कारण बार-बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई मामलों में, शैक्षणिक या रोजगार से संबंधित कार्य बाधित हो जाते हैं। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, बोर्ड ने नाम सुधार प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्णय लिया है।
छात्र की समस्या से शुरू हुई पहल
बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. पवन कुमार ने याद किया कि एक छात्र, जिसका नाम जैबीर था, लेकिन आधार कार्ड पर उसे जैवीर के रूप में गलत लिखा गया था, ने उनसे संपर्क किया। छात्र ने बताया कि नाम परिवर्तन की प्रक्रिया कितनी जटिल और निराशाजनक हो सकती है। इसके बाद, अध्यक्ष ने इसे बोर्ड की बैठक में प्रस्तावित किया। बैठक में सर्वसम्मति से अध्यक्ष को यह अधिकार दिया गया, जिससे छात्रों को सीधे राहत मिल सके।
छात्रों के लिए राहत
यह निर्णय हरियाणा बोर्ड के हजारों छात्रों को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करेगा। उन्हें अब नाम सुधार के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी। सीधे बोर्ड कार्यालय में आवेदन करके, उनका काम आसान हो जाएगा। यह कदम छात्रों के हित में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय पहल मानी जा रही है।