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भारत के 7 शिक्षण संस्थान QS एशिया विश्वविद्यालय रैंकिंग 2025 में शीर्ष 100 में शामिल

QS एशिया विश्वविद्यालय रैंकिंग 2025 में भारत के सात प्रमुख शिक्षण संस्थानों ने शीर्ष 100 में स्थान प्राप्त किया है। इनमें आईआईटी दिल्ली, मुंबई, मद्रास, कानपुर, खरगपुर, आईआईएससी बेंगलुरु और दिल्ली विश्वविद्यालय शामिल हैं। यह उपलब्धि भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता और अनुसंधान क्षमताओं को दर्शाती है। जानें किस प्रकार भारतीय विश्वविद्यालय वैश्विक मानकों को पूरा कर रहे हैं और कैसे वे अनुसंधान और नवाचार में अग्रणी बन रहे हैं।
 

भारत की शैक्षणिक उपलब्धियाँ


हाल ही में जारी QS एशिया विश्वविद्यालय रैंकिंग 2025 में भारत के सात प्रमुख शिक्षण संस्थानों ने शीर्ष 100 में स्थान प्राप्त किया है। इनमें आईआईटी दिल्ली, मुंबई, मद्रास, कानपुर, खरगपुर, आईआईएससी बेंगलुरु और दिल्ली विश्वविद्यालय शामिल हैं।


यह भारत के लिए गर्व का विषय है कि देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान एक बार फिर एशिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों की सूची में चमके हैं। QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी एशिया रैंकिंग 2025 के अनुसार, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs) दिल्ली, मुंबई, मद्रास, कानपुर और खरगपुर, साथ ही भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु और दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने एशिया के शीर्ष 100 संस्थानों में स्थान प्राप्त किया है।


भारतीय संस्थानों की रैंकिंग में सुधार

लंदन स्थित रैंकिंग एजेंसी QS ने साझा किया कि कुल 7 भारतीय संस्थान शीर्ष 100 में, 20 शीर्ष 200 में और 66 शीर्ष 500 में शामिल हैं। यह उपलब्धि भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता, अनुसंधान क्षमताओं और वैश्विक मान्यता को दर्शाती है।


रिपोर्ट के अनुसार, 36 भारतीय संस्थानों ने पिछले वर्ष की तुलना में अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। 16 संस्थानों ने अपनी पूर्व स्थिति बनाए रखी, जबकि 105 संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट आई। इसके बावजूद, भारत का प्रदर्शन अन्य एशियाई देशों की तुलना में अधिक स्थिर और बेहतर माना जा रहा है।


आईआईटी दिल्ली का शीर्ष स्थान

भारतीय आईआईटी में, आईआईटी दिल्ली को लगातार पांचवें वर्ष देश का सर्वश्रेष्ठ संस्थान घोषित किया गया है। इस बार यह एशियाई स्तर पर 59वें स्थान पर है।


इस बीच, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर और आईआईटी खरगपुर भी शीर्ष 100 सूची में शामिल हुए हैं, जो यह साबित करता है कि भारतीय तकनीकी संस्थान लगातार वैश्विक मानकों को पूरा कर रहे हैं।


अनुसंधान और नवाचार में भारत की बढ़त

QS ने बताया कि भारत एशिया में पीएचडी धारकों और अनुसंधान कार्यों की संख्या में पहले स्थान पर है।


इसका मतलब है कि भारतीय संस्थान न केवल अकादमिक क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहे हैं, बल्कि अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास में भी।


विशेषज्ञों का कहना है कि कई भारतीय विश्वविद्यालय अब अंतरराष्ट्रीय सहयोग, डिजिटल शिक्षा और उद्योग से संबंधित अनुसंधान पर जोर दे रहे हैं, जो उनकी वैश्विक रैंकिंग में सुधार में योगदान कर रहा है।


दिल्ली विश्वविद्यालय और आईआईएससी की सफलता

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने भी इस वर्ष अच्छा प्रदर्शन किया है। यह भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है, जहां हर साल लाखों छात्र प्रवेश के लिए आवेदन करते हैं।


इस बीच, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु, भारत का प्रमुख अनुसंधान और विज्ञान संस्थान बना हुआ है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया जाता है।