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सरकारी योजना: हर जिले में लड़कियों के लिए हॉस्टल का निर्माण

केंद्र सरकार ने हर जिले में लड़कियों के लिए हॉस्टल बनाने की योजना की घोषणा की है, जिससे ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की छात्राओं को उच्च शिक्षा में मदद मिलेगी। यह योजना लड़कियों की शिक्षा में बाधाओं को समाप्त करने और STEM विषयों में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। शिक्षा मंत्रालय ने इस योजना के लिए प्रस्ताव तैयार किया है, और इसकी आधिकारिक घोषणा 2026 के बजट में होने की संभावना है।
 

लड़कियों के लिए हॉस्टल निर्माण योजना



केंद्र सरकार एक नई योजना पर काम कर रही है, जिसके तहत देश के हर जिले में लड़कियों के लिए हॉस्टल बनाए जाएंगे। यह योजना ग्रामीण, दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों की छात्राओं को सीधे लाभ पहुंचाएगी।


यह खबर देशभर की लाखों लड़कियों के लिए एक सकारात्मक कदम है। अब किसी भी लड़की की शिक्षा इस कारण बाधित नहीं होगी कि उसका कॉलेज घर से दूर है या सुरक्षित आवास उपलब्ध नहीं है। इस योजना का उद्देश्य उन लड़कियों को उच्च शिक्षा का अवसर प्रदान करना है, जो पहले आवास की कमी के कारण वंचित थीं।


सरकार का मानना है कि यदि लड़कियों को अध्ययन के लिए सुरक्षित और सुलभ आवास प्रदान किया जाए, तो वे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों तक आसानी से पहुंच सकेंगी। यह योजना विशेष रूप से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) विषयों में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।


शिक्षा मंत्रालय का महत्वपूर्ण कदम

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस योजना के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है और इसे वित्त मंत्रालय को भेजने की तैयारी कर रहा है। उम्मीद है कि इस योजना की आधिकारिक घोषणा 2026 के आम बजट में की जाएगी। यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो लगभग 700 से 800 जिलों में नए लड़कियों के हॉस्टल बनाए जाएंगे। ये हॉस्टल सामान्य महिला हॉस्टलों से अलग होंगे, ताकि कॉलेज जाने वाली लड़कियों की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें।


राज्यों के साथ महत्वपूर्ण बैठक

दिल्ली में 26 से 28 दिसंबर के बीच सभी राज्यों के मुख्य सचिवों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें इस योजना पर चर्चा की जाएगी। उच्च शिक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार किया जाएगा। विशेष रूप से, उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (GER) को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने और लड़कियों के ड्रॉपआउट की संख्या को कम करने पर चर्चा होगी।


राज्यों से कहा गया है कि वे अपने स्तर पर उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपनी योजनाएं प्रस्तुत करें। इसमें कॉलेजों में दो शिफ्ट में कक्षाएं चलाने, नए कॉलेज खोलने और ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने जैसे सुझाव शामिल होंगे।


STEM शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाना

शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि कई प्रतिभाशाली छात्राएं ग्रामीण क्षेत्रों में विज्ञान और इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रमों का अध्ययन नहीं कर पा रही हैं, केवल आवास की कमी के कारण। लड़कियों के हॉस्टल का निर्माण इस समस्या का समाधान करेगा। जब छात्राओं को अपने कॉलेजों के पास सुरक्षित आवास मिलेगा, तो वे STEM जैसे चुनौतीपूर्ण लेकिन करियर उन्मुख विषयों का अध्ययन कर सकेंगी। सरकार STEM पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ाने और छात्राओं को इन विषयों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी काम कर रही है।


ड्रॉपआउट को रोकने पर जोर

बैठक में आर्थिक, सामाजिक और बुनियादी ढांचे से संबंधित समस्याओं के कारण ड्रॉपआउट को रोकने के उपायों पर भी चर्चा होगी। हॉस्टल सुविधाएं विशेष रूप से उन छात्राओं के लिए लाभकारी होंगी, जिनके परिवार उन्हें घर से दूर भेजने में हिचकिचाते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत, सरकार का लक्ष्य 2035 तक उच्च शिक्षा में छात्राओं का नामांकन 50 प्रतिशत तक बढ़ाना है। वर्तमान में, यह आंकड़ा लगभग 29 प्रतिशत है। लड़कियों के हॉस्टल इस अंतर को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।