भारत में MBBS सीटों की वृद्धि: डॉक्टरों की कमी को दूर करने की दिशा में कदम
भारत में MBBS सीटों की स्थिति
MBBS सीटों की वृद्धि: भारत में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए, पिछले कुछ वर्षों में चिकित्सा शिक्षा में तेजी से विस्तार किया गया है। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यसभा में दी। मंत्रालय ने बताया कि 2020-21 से 2025-26 के बीच कुल 48,563 MBBS सीटें और 29,080 स्नातकोत्तर (MD/MS) सीटें बढ़ाई गई हैं। यह वृद्धि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की सलाह पर की गई है, ताकि विशेष रूप से ग्रामीण और underserved क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी को दूर किया जा सके।
MBBS सीटों की वार्षिक वृद्धि
हर वर्ष MBBS सीटों में वृद्धि हुई है। 2020-21 में कुल 2,963 MBBS सीटें जोड़ी गईं। इसके बाद 2021-22 में यह संख्या बढ़कर 8,790 हो गई। 2022-23 में 7,398 नई MBBS सीटें जोड़ी गईं। इसी तरह, 2023-24 में 9,652 सीटें और 2024-25 में 8,641 सीटें जोड़ी गईं। 2025-26 में सबसे बड़ी वृद्धि हुई, जिसमें 11,119 सीटें जोड़ी गईं। कुल मिलाकर, छह वर्षों में 48,563 MBBS सीटें जोड़ी गई हैं, जिससे चिकित्सा कॉलेजों में प्रवेश के अवसर बढ़े हैं।
PG सीटों में निरंतर वृद्धि
स्नातकोत्तर सीटों में भी महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। 2020-21 में 4,983 स्नातकोत्तर सीटें जोड़ी गईं। 2021-22 में 4,705 सीटें जोड़ी गईं। 2022-23 में 2,874 सीटें बढ़ाई गईं। फिर 2023-24 में 4,713 और 2024-25 में 4,186 नई सीटें जोड़ी गईं। 2025-26 में सबसे बड़ी वृद्धि हुई, जिसमें कुल 7,619 सीटें जोड़ी गईं। कुल मिलाकर, 6 वर्षों में 29,080 PG सीटें बढ़ाई गई हैं, जिससे विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी।
नई सीटों की योजना
केंद्र सरकार चिकित्सा शिक्षा सीटों की संख्या को और बढ़ाने की योजना बना रही है। केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत, 2025-26 से 2028-29 के बीच सरकारी चिकित्सा कॉलेजों में 10,023 नई चिकित्सा सीटें जोड़ी जाएंगी। यह वृद्धि तेजी से जारी रहेगी ताकि देश में डॉक्टरों की कमी को समाप्त किया जा सके।
इन परिवर्तनों के लाभ
इन सभी सीटों की वृद्धि के साथ, राज्यों में डॉक्टर-रोगी अनुपात में सुधार हो रहा है। भारतीय छात्रों को देश में अच्छी चिकित्सा शिक्षा मिल रही है, जिससे विदेश में पढ़ाई करने की आवश्यकता कम हो गई है। पहले हजारों छात्र विदेश जाते थे, लेकिन अब अधिकांश देश में ही पढ़ाई कर रहे हैं।
गुणवत्ता बनाए रखने के उपाय
जब सीटों की संख्या बढ़ती है, तो गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते हैं, लेकिन सरकार ने इसके लिए भी व्यवस्थाएं की हैं। NMC ने कई सख्त नियम बनाए हैं। न्यूनतम मानक आवश्यकताएँ (MSR), स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियम (GMER) 2023, चिकित्सा शिक्षा के मानकों को बनाए रखने के विनियम (MSMER) 2023, और क्षमता आधारित चिकित्सा शिक्षा (CBME) पाठ्यक्रम दिशानिर्देश 2024 लागू हैं। ये उपाय यह सुनिश्चित करने के लिए लागू किए जा रहे हैं कि सीटों की संख्या बढ़ने के बावजूद शिक्षा और नैदानिक मानकों की गुणवत्ता में कमी न आए।