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झारखंड में सहायक शिक्षकों के लिए वेतन वृद्धि की खुशखबरी

झारखंड के सहायक शिक्षकों को 4% वेतन वृद्धि की घोषणा की गई है, जिससे लगभग 1,500 से 2,000 शिक्षकों को लाभ होगा। यह निर्णय शिक्षा सचिव के हस्ताक्षर के साथ आधिकारिक रूप से जारी किया गया है। हालांकि, शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में देरी के कारण पहले वेतन वृद्धि नहीं मिल सकी थी। अब, शिक्षकों को 2023 से लंबित एरियर भी मिलेगा। इस निर्णय का शिक्षकों ने स्वागत किया है, इसे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार और काम के प्रति उत्साह बढ़ाने वाला बताया है।
 

सरायकेला: सहायक शिक्षकों को मिली राहत


सरायकेला: लंबे इंतजार के बाद, झारखंड के सहायक शिक्षकों को एक महत्वपूर्ण समाचार मिला है। राज्य सरकार ने उनके मासिक वेतन में 4% की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय का लाभ राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत लगभग 1,500 से 2,000 सहायक शिक्षकों को मिलेगा।


स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है, जिस पर शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह के हस्ताक्षर हैं। इस वेतन वृद्धि के साथ, शिक्षकों को 2023 से लंबित एरियर भी मिलेगा, जो काफी समय से रुका हुआ था। ग्रामीण पारा शिक्षकों के लिए यह वेतन वृद्धि 2023 से लागू हो चुकी थी।


भुगतान में देरी का कारण

हालांकि, शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में देरी के कारण सहायक शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिल सका। चुनाव न होने के कारण नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत जैसे क्षेत्रों में समितियों का गठन नहीं हो सका। इन समितियों के बिना, सरकार वेतन वृद्धि को आधिकारिक रूप से मंजूरी नहीं दे सकती थी।


आदेश जारी करने की प्रक्रिया

इस समस्या के समाधान के लिए, परियोजना निदेशक ने एक वैकल्पिक व्यवस्था का सुझाव दिया और एक प्रस्ताव भेजा। इसके बाद, यह फाइल शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के पास अंतिम अनुमोदन के लिए गई। अनुमोदन मिलने के बाद, विभाग ने कुछ शर्तों के साथ आदेश जारी किया।


किसे मिलेगा लाभ?

यह 4% वेतन वृद्धि नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं के अंतर्गत आने वाले सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत पैरा शिक्षकों पर लागू होगी। वेतन वृद्धि से पहले, जिला आयुक्त (डीसी) की अध्यक्षता वाली जिला कार्यकारी समिति को प्रस्ताव को मंजूरी देनी होगी। शहरी चुनाव के बाद, वृद्धि की पुष्टि के लिए पूर्वव्यापी अनुमोदन दिया जाएगा।


एक आवश्यक प्रोत्साहन

शहरी पैरा शिक्षक लंबे समय से वेतन वृद्धि की मांग कर रहे थे। इस निर्णय से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उनके काम के प्रति उत्साह और मनोबल भी बढ़ेगा। शिक्षकों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है और इसे 'बेहद जरूरी और सराहनीय कदम' बताया है।