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उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के लिए नई गाइडलाइन और 'किताब वितरण ऐप' का शुभारंभ

उत्तर प्रदेश में 1.48 करोड़ छात्रों के लिए कक्षा-3 के हिंदी और गणित शिक्षक गाइड का वितरण 'किताब वितरण ऐप' के माध्यम से किया जा रहा है। यह तकनीकी पहल शिक्षकों और छात्रों दोनों को लाभान्वित करेगी। शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि यह कदम शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण है। नए मैनुअल और निगरानी प्रणाली से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। जानें इस नई पहल के बारे में और कैसे यह छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
 

उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के लिए नई गाइडलाइन



उत्तर प्रदेश शिक्षक गाइड: कक्षा-3 के हिंदी और गणित शिक्षक गाइड को 1.48 करोड़ छात्रों में वितरित किया जा रहा है, जो 1.32 लाख परिषद स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं, और 5.75 लाख से अधिक शिक्षक/शिक्षामित्रों को भी शामिल किया गया है। यह वितरण पहली बार 'किताब वितरण ऐप' के माध्यम से किया जा रहा है, जो शिक्षकों और स्कूलों तक सामग्री पहुंचाने की प्रक्रिया को तकनीकी रूप से पारदर्शी और समय पर बनाता है।


किताब वितरण ऐप क्या है?

'किताब वितरण ऐप' QR कोड आधारित है और यह सुनिश्चित करता है कि पाठ्यपुस्तकें, कार्यपुस्तिकाएं और शिक्षक गाइड समय पर अंतिम स्तर तक पहुंचें। जिला और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, SRGs, ARPs, DIET मेंटर्स और प्रिंसिपल QR कोड को स्कैन करेंगे और सामग्री प्राप्त करने के तुरंत बाद विवरण दर्ज करेंगे। इससे राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा वास्तविक समय में निगरानी और कार्रवाई की सुविधा मिलती है।


शिक्षकों को नए मैनुअल मिलते हैं

प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई गाइडलाइंस अब शिक्षकों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। इन मैनुअल में शिक्षक डायरी के उपयोग, रखरखाव और वितरण से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी और निर्देश दिए गए हैं।


शिक्षा में सुधार की दिशा में कदम

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की परिषद शिक्षा प्रणाली अभूतपूर्व परिवर्तनों से गुजर रही है। गुणवत्ता शिक्षा और पारदर्शी प्रणाली हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य हर बच्चे को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करना और यूपी को शिक्षा के क्षेत्र में आदर्श बनाना है।


जिला से स्कूल स्तर तक निगरानी

इस प्रक्रिया में जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से तय की गई है, जिसमें BSA, BEO, प्रधानाध्यापक और शिक्षक की भूमिका निर्धारित की गई है। SRG, ARP और DIET मेंटर्स द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाएगा, जबकि हर स्तर पर अनिवार्य रिपोर्टिंग और निगरानी प्रणाली सुनिश्चित की गई है।


शिक्षकों और छात्रों को लाभ

उत्तर प्रदेश के परिषद स्कूलों में यह नई पहल शिक्षकों और छात्रों दोनों को लाभान्वित करेगी। अब, 6 लाख से अधिक शिक्षक बेहतर शिक्षण विधियों को अपनाने में सक्षम हो गए हैं, जिससे कक्षा में शिक्षा का स्तर सुधरेगा। 1.48 करोड़ छात्रों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। विशेष रूप से कक्षा 3 के बच्चों के लिए, हिंदी और गणित का अध्ययन अब पहले से अधिक प्रभावी और व्यवस्थित तरीके से किया जाएगा।