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भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों का आगमन: शिक्षा और रोजगार के नए अवसर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में उच्च शिक्षा को नई ऊँचाई देने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। यूके के पांच प्रमुख विश्वविद्यालय जल्द ही भारत में अपने कैंपस खोलेंगे, जिससे भारतीय छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। यह कदम न केवल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाएगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा। छात्रों को भारतीय परिसरों से डिग्री लेने पर अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी मिलेगी। यह पहल भारत को शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
 

प्रधानमंत्री मोदी का ऐलान


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय उच्च शिक्षा को नई दिशा देने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने बताया कि यूनाइटेड किंगडम के पांच प्रमुख विश्वविद्यालय जल्द ही भारत में अपने कैंपस स्थापित करेंगे। इस पहल से भारतीय छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, साथ ही विदेश जाने की लागत और परेशानियों से भी राहत मिलेगी। यह जानकारी पीएम मोदी ने हाल ही में भारत और यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर के समय साझा की। इस समझौते के माध्यम से दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और शिक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत किया जाएगा।


शिक्षा का स्तर बढ़ेगा

पीएम मोदी ने कहा कि अब भारतीय छात्रों को पढ़ाई के लिए यूके जाने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें अपने देश में ही ऑक्सफ़ोर्ड, कैम्ब्रिज या लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स जैसे संस्थानों के समान शिक्षा मिलेगी। यह कदम भारत में शिक्षा को वैश्विक मानकों के अनुरूप लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।


रोज़गार के नए अवसर

देश में रोज़गार भी बढ़ेगा

इन विश्वविद्यालयों के आगमन से न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव आएगा, बल्कि नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। शिक्षा पेशेवरों, शोधकर्ताओं, प्रशासनिक कर्मचारियों और तकनीकी टीमों को काम मिलेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।


अंतरराष्ट्रीय मान्यता

पाठ्यक्रम बदले बिना भी मिलेगी मान्यता

इन पाठ्यक्रमों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त होगी, जिसका अर्थ है कि भारतीय परिसरों से डिग्री लेने वाले छात्रों को विदेशों में भी वही दर्जा मिलेगा जो वहां पढ़ने वाले छात्रों को मिलता है।


शिक्षा में बदलाव का लक्ष्य

शिक्षा क्षेत्र में बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य भारत को शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनाना है। इसी दिशा में नई शिक्षा नीति (एनईपी) ने विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति दी है।