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दिल्ली में नर्सरी एडमिशन 2024: माता-पिता को इंटरव्यू में करना होगा ये, जानिए सवाल 

दिल्ली के नर्सरी स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए कई तरह की गाइडलाइन्स साझा की गई हैं. दिल्ली में नर्सरी, केजी और पहली कक्षा में बच्चों को दाखिला देते समय उनकी उम्र, घर और स्कूल के बीच की दूरी आदि कारकों को प्राथमिकता दी जाती है।

 

दिल्ली के नर्सरी स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए कई तरह की गाइडलाइन्स साझा की गई हैं. दिल्ली में नर्सरी, केजी और पहली कक्षा में बच्चों को दाखिला देते समय उनकी उम्र, घर और स्कूल के बीच की दूरी आदि कारकों को प्राथमिकता दी जाती है। चाहे दिल्ली के स्कूल हों या अन्य शहर, अधिकांश स्कूल अब माता-पिता (स्कूल प्रवेश 2024) के साक्षात्कार के बाद ही बच्चों को प्रवेश देते हैं। ऐसे में संभव है कि आपके बच्चे की एंट्री की चाबी आपके हाथ में हो। जानिए कुछ ऐसे सवाल जो माता-पिता से स्कूल इंटरव्यू में पूछे जाते हैं

स्कूल साक्षात्कार (स्कूल साक्षात्कार प्रश्न) में क्या पूछा जा सकता है?
बच्चों के स्कूल साक्षात्कार में माता-पिता से उनकी आय, नौकरी, व्यवसाय, आय, परिवार, शैक्षणिक योग्यता के संबंध में निम्नलिखित प्रश्न पूछे जा सकते हैं-

1- अगर माता-पिता दोनों कामकाजी हों तो बच्चे की देखभाल कौन करेगा?
2- होमवर्क पर आपकी क्या राय है?
3- आप अपने बच्चे के स्कूल से क्या उम्मीद करते हैं?
4- घर में कितने लोग रहते हैं?
5- आप घर पर बदमाशी से कैसे निपटते हैं?
6- क्या आपने कभी इस पर हाथ उठाया है? यदि हां तो क्यों? बच्चे ने कैसी प्रतिक्रिया दी?
7- आपके घर का माहौल कैसा है?
8- हम घर पर आपसे कौन सी भाषा में बात करते हैं?
9- आपने एडमिशन के लिए इसी स्कूल को क्यों चुना?
10- अगर आपको यहां दाखिला नहीं मिलता है तो आप किस स्कूल में जाना पसंद करेंगे?
11- आप अपनी पढ़ाई को लेकर कितने गंभीर हैं?
12- क्या आप खेल और पाठ्येतर गतिविधियों को पढ़ाई से ज्यादा महत्वपूर्ण मानते हैं?
13- घर पर बच्चे को कौन पढ़ाता है?
14- क्या बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग दी गई है या नहीं?
15- क्या बच्चे को टीका लगाया गया है?

स्कूल को क्या जानकारी देनी है?
स्कूल में प्रवेश के बाद माता-पिता को अपने बच्चे का मेडिकल इतिहास नहीं छिपाना चाहिए। यदि आपके बच्चे को किसी प्रकार की बीमारी, एलर्जी या विकार है तो स्कूल को अवश्य सूचित करें। प्रशासन को यह भी बताएं कि बच्चे के घायल होने या आपात स्थिति में किससे संपर्क करना है। अपने बच्चे के व्यवहार के बारे में स्कूल को भी बताएं।