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आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आईटी की संख्या बढ़ने से उच्च शिक्षा में अधिक अवसर

देश में आईआईटी और आईआईएम की संख्या में बढोतरी हुई है। आईआईटी और आईआईएम की संख्या क्रमश 2014 में 16 और 13 के मुकाबले 2022 में 23 और 20 पर है।
 
नई दिल्ली, 31 जनवरी - देश में आईआईटी और आईआईएम की संख्या में बढोतरी हुई है। आईआईटी और आईआईएम की संख्या क्रमश 2014 में 16 और 13 के मुकाबले 2022 में 23 और 20 पर है। ट्रिपल आईटी की बात की जाए तो इनकी संख्या 2014 में 9 के मुकाबले 2022 में 25 हो गई है। 2014 में, देश में 723 विश्वविद्यालय थे, जिन्हें बढ़ाकर 1,072 कर दिया गया है। यह बात केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 31 जनवरी, को संसद में आर्थिक समीक्षा 2022-23 पेश करते हुए यह बताई।

केंद्रीय वित्त मंत्री के मुताबिक उच्च शिक्षा में कुल नामांकन वित्त वर्ष 20 के 3.9 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 21 मे लगभग 4.1 करोड़ हो गया है। वित्त वर्ष 2015 के बाद से, नामाकंन में लगभग 72 लाख (21 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2020 में 1.9 करोड़ से वित्त वर्ष 2021 में महिला नामांकन बढ़कर 2.0 करोड़ हो गया है।

इसके अलावा, डिस्टेंस एजुकेशन में नामांकन 45.7 लाख है। इनमें महिलाओं की संख्या 20.9 लाख है। डिस्टेंस एजुकेशन के क्षेत्र में वित्त वर्ष 2020 से लगभग 7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2015 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2011 के जनसंख्या अनुमानों (संशोधित) के आधार पर उच्च शिक्षा में जीईआर वित्त वर्ष 21 में 27.3 प्रतिशत दर्ज किया गया था, जो वित्त वर्ष 20 में 25.6 से सुधार है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने बताया कि उच्च शिक्षा में संकाल, शिक्षकों की कुल संखअया 15,51,070 है, जिनमनें से लगभग 57.1 प्रतिशत पुरुष हैं और 42.9 प्रतिशत महिलाएं हैं। आर्थिक समीक्षा में उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ (आरडीसी) के लिए की गई कई पहलें, एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रम को पढ़ने के लिए दिशा-निर्देश जारी करना, शिक्षा ऋण पर ब्याज अनुदान जैसी कई पहलों को सराहा गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के सहयोग से 7-9 जुलाई 2022 को वाराणसी में तीन दिवसीय अखिल भारतीय शिक्षा समागम का आयोजन किया गया। इसमें सार्वजनिक और निजी विश्वविद्यालयों के 300 से अधिक कुलपति और निदेशक शिक्षाविद्, नीति निर्माता, उद्योग प्रतिनिधि भी एक साथ आए। यहां इस विषय पर विचार-विमर्शकिया गया कि पिछले दो वर्षों में कई पहलों के सफल कार्यान्वयन के बाद देश भर के एनईपी 2022 के कार्यान्वयन को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है।

शिखर सम्मेलन ने विचारोत्तेजक चर्चाओं के लिए एक मंच प्रदान किया जिसने रोडमैप और कार्यान्वयन रणनीतियों को स्पष्ट करने, ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, अंत विषय विचार-विमर्श के माध्यम से नेटवर्क बनाने और शैक्षणिंक संस्थानों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने और समाधानों को स्पष्ट करने में सहायता मिली।