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मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से लिखा पत्र, सीएम केजरीवाल ने किया शेयर

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से एक पत्र लिखा है।
 
नई दिल्ली, 19 मई -  दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से एक पत्र लिखा है। पत्र में सिसोदिया ने शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति और समाज के वंचित वर्गों के उत्थान की जरूरत पर जोर दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ये पत्र अपने ट्विटर पर साझा किया है, जो हर बच्चे के लिए समान अवसर प्रदान करने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देता है।

सिसोदिया ने हिंदी में लिखे अपने पत्र के माध्यम से कम भाग्यशाली लोगों की शिक्षा की उपेक्षा के परिणामों की ओर ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें जोर देकर कहा गया है कि गरीबों को शिक्षा से वंचित करना न केवल असमानता को बढ़ाता है बल्कि नफरत और हिंसा के दुष्चक्र को भी बढ़ावा देता है।

सिसोदिया ने पत्र में लिखा कि अगर, हर गरीब को मिली किताब तो, नफरत की ओधी कौन फैलाएगा। सबके हाथों को मिल गया काम, तो सड़कों पर तलवारें कौन लहराएगा।

सिसोदिया ने अपने पत्र में बाधाओं को दूर करने और विभाजनकारी विचारधाराओं का मुकाबला करने में एक मजबूत शैक्षिक आधार के महत्व को रेखांकित किया है। उन्होंने लिखा कि अगर किसी को मिल गई अच्छी शिक्षा और समझ, तो इनकी व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी बंद हो जाएगी।

पत्र में कहा गया है, जब समाज शिक्षा और ज्ञान की ठोस नींव पर बना है, तो लोग अब नफरत के पेचीदा जाल में नहीं फंसेंगे।

सिसोदिया ने व्यक्तियों को अपने विचारों और आकांक्षाओं को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने में सक्षम बनाने के लिए कलम जैसे उपकरण प्रदान करने के महत्व पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि अगर पढ़ गया समाज का हर बच्चा, तो तुम्हारी चालाकियों और कुनीतियों पे सवाल उठाएगा। पत्र में आगे लिखा कि जैसे ही कलम की शक्ति वंचितों के हाथों में पहुंचेगी, वे निडर होकर अपने गहरे विचारों और विश्वासों को आवाज देंगे।

इसमें कहा गया है कि भले ही आप हमें कैद करें या हमें सजा दें, यह यात्रा जारी रहेगी। जब हर वंचित बच्चा शिक्षा प्राप्त करेगा, तो आपका भव्य महल खाली और अर्थहीन हो जाएगा।