केरल विश्वविद्यालय ने चुनाव में धांधली का पता चलने पर प्रिंसिपल को हटाने की सिफारिश की
केरल विश्वविद्यालय ने एसएफआई द्वारा कथित चुनावी धोखाधड़ी सामने आने के बाद क्रिश्चियन कॉलेज, कट्टाकडा के प्रिंसिपल जी.जे. शैजू को हटाने की सिफारिश की है। यह निर्णय विवि की सिंडिकेट बैठक में लिया गया।
May 22, 2023, 17:16 IST
तिरुवनंतपुरम, 22 मई - केरल विश्वविद्यालय ने एसएफआई द्वारा कथित चुनावी धोखाधड़ी सामने आने के बाद क्रिश्चियन कॉलेज, कट्टाकडा के प्रिंसिपल जी.जे. शैजू को हटाने की सिफारिश की है। यह निर्णय विवि की सिंडिकेट बैठक में लिया गया।
बैठक में पूरी चुनाव प्रक्रिया की पुलिस जांच की सिफारिश करने का भी फैसला किया गया।
बुधवार को पता चला कि क्रिश्चियन कॉलेज कट्टाकडा में कॉलेज यूनियन के विभिन्न पदों पर चुनाव होने के बाद पार्षद पद पर जीत हासिल करने वाले दो छात्रों में से एक का नाम बदल दिया गया।
अरोमल और अनेखा कॉलेज से दो पार्षद जीते थे।
केरल विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों के पार्षद के रूप में जीतने वाले उम्मीदवार को केरल विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव मेंमतदान का अधिकार मिलता है।
जब क्रिश्चियन कॉलेज, कट्टाकडा ने अपनी पार्षदों की सूची भेजी तो अनेखा की जगह एसएफआई के एक और शीर्ष नेता विशाक का नाम सामने आया, जिन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था।
केरल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. मोहनन कुन्नुमल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनावों की देखरेख करने वाले जिम्मेदार व्यक्ति ने सही काम नहीं किया है।
वीसी ने कहा, "प्रक्रिया समस्या नहीं है, हेरफेर समस्या है। अन्य सभी कॉलेजों में जांच होगी और एक बार ऐसा हो जाने के बाद ही नए केरल विश्वविद्यालय संघ का चुनाव होगा।"
सिंडिकेट की बैठक में प्रभारी प्राचार्य शैजू को पद से हटाने, निलंबित करने और उनसे दोबारा चुनाव कराने का खर्च वसूले जाने के संबंध में कॉलेज प्रबंधन को सूचित करने का निर्णय लिया गया है।
विशाख के खिलाफ मामला दर्ज करने का भी फैसला लिया गया है, जिन्हें एसएफआई में उनके सभी पदों से हटा दिया गया है।
इस मामले ने सीपीआई (एम) और एसएफआई की छवि को धूमिल किया और पिनाराई विजयन सरकार की दूसरी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर यह वाकया सामने आया।
बैठक में पूरी चुनाव प्रक्रिया की पुलिस जांच की सिफारिश करने का भी फैसला किया गया।
बुधवार को पता चला कि क्रिश्चियन कॉलेज कट्टाकडा में कॉलेज यूनियन के विभिन्न पदों पर चुनाव होने के बाद पार्षद पद पर जीत हासिल करने वाले दो छात्रों में से एक का नाम बदल दिया गया।
अरोमल और अनेखा कॉलेज से दो पार्षद जीते थे।
केरल विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों के पार्षद के रूप में जीतने वाले उम्मीदवार को केरल विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव मेंमतदान का अधिकार मिलता है।
जब क्रिश्चियन कॉलेज, कट्टाकडा ने अपनी पार्षदों की सूची भेजी तो अनेखा की जगह एसएफआई के एक और शीर्ष नेता विशाक का नाम सामने आया, जिन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था।
केरल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. मोहनन कुन्नुमल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनावों की देखरेख करने वाले जिम्मेदार व्यक्ति ने सही काम नहीं किया है।
वीसी ने कहा, "प्रक्रिया समस्या नहीं है, हेरफेर समस्या है। अन्य सभी कॉलेजों में जांच होगी और एक बार ऐसा हो जाने के बाद ही नए केरल विश्वविद्यालय संघ का चुनाव होगा।"
सिंडिकेट की बैठक में प्रभारी प्राचार्य शैजू को पद से हटाने, निलंबित करने और उनसे दोबारा चुनाव कराने का खर्च वसूले जाने के संबंध में कॉलेज प्रबंधन को सूचित करने का निर्णय लिया गया है।
विशाख के खिलाफ मामला दर्ज करने का भी फैसला लिया गया है, जिन्हें एसएफआई में उनके सभी पदों से हटा दिया गया है।
इस मामले ने सीपीआई (एम) और एसएफआई की छवि को धूमिल किया और पिनाराई विजयन सरकार की दूसरी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर यह वाकया सामने आया।