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मैथ्यू प्रिंस: क्लाउडफ्लेयर के CEO की प्रेरणादायक यात्रा

मैथ्यू प्रिंस, क्लाउडफ्लेयर के CEO, एक प्रेरणादायक तकनीकी लीडर हैं। उनका सफर यूटा से शुरू हुआ, जहाँ उन्होंने कंप्यूटर विज्ञान में रुचि विकसित की। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान ने उन्हें एक प्रमुख नाम बना दिया। जानें उनकी यात्रा, शिक्षा और क्लाउडफ्लेयर की स्थापना की कहानी।
 

क्लाउडफ्लेयर के CEO की कहानी


नई दिल्ली:  क्लाउडफ्लेयर के CEO मैथ्यू प्रिंस तकनीकी क्षेत्र में एक प्रमुख नाम हैं, जिन्होंने शिक्षा और नवाचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका सफर यूटा से शुरू हुआ, जहाँ से उन्होंने कंप्यूटर विज्ञान में गहरी रुचि विकसित की और बाद में विश्व के प्रमुख विश्वविद्यालयों में अपनी पहचान बनाई।


मैथ्यू ने केवल तकनीकी ज्ञान ही नहीं, बल्कि कानून और व्यवसाय के क्षेत्र में भी शिक्षा प्राप्त की, जिसने उनके करियर को नई दिशा दी। उनके विविध शैक्षणिक अनुभव ने क्लाउडफ्लेयर की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


जन्म और शिक्षा

मैथ्यू प्रिंस का जन्म 13 नवंबर, 1974 को साल्ट लेक सिटी, यूटा में हुआ। उन्होंने अपने बचपन में ही कंप्यूटर विज्ञान में रुचि विकसित की, और उनकी मां उन्हें यूटा विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान की कक्षाओं में ले जाती थीं। प्रिंस ने 1988 में रॉलैंड हॉल-सेंट मार्क स्कूल से पढ़ाई की।


हाई स्कूल और कॉलेज

1996 में, प्रिंस ने ट्रिनिटी कॉलेज से कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की, जिसमें उन्होंने अंग्रेजी साहित्य और कंप्यूटर विज्ञान का अध्ययन किया। कॉलेज के दौरान, वे द ट्रिनिटी ट्राइपॉड के प्रधान संपादक बने और पहले वर्ष में ही ऑनलाइन पत्रिका द ट्रिनकॉल जर्नल का सह-निर्माण किया।


इसके बाद, उन्होंने 2000 में शिकागो विश्वविद्यालय के लॉ स्कूल से स्नातक उपाधि प्राप्त की और 2009 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की।


करियर की शुरुआत

मैथ्यू ने अपने करियर की शुरुआत कम उम्र में ही की। शिकागो विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त करने के दौरान, उन्होंने लैथम एंड वॉटकिंस में काम किया, जो एक प्रमुख अमेरिकी लॉ फर्म है। स्नातक होने के बाद, उन्होंने ऑनलाइन बीमा कंपनी ग्रुपवर्क्स में भी कार्य किया।


साइबर कानून में योगदान

उन्होंने इलिनोइस विश्वविद्यालय के शिकागो स्कूल ऑफ लॉ में साइबर कानून पढ़ाना शुरू किया और 2003 के कैन-स्पैम अधिनियम पर एक पेपर का सह-लेखन किया। उनके प्रारंभिक प्रयासों में से एक, ईमेल के लिए स्पैम-निवारक सॉफ़्टवेयर, अनस्पैम का निर्माण था, जो बाद में क्लाउडफ्लेयर के निर्माण का आधार बना।


क्लाउडफ्लेयर की स्थापना

2008 में, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने अनस्पैम टेक्नोलॉजीज से संपर्क किया, जिससे कंपनी के डेटा के महत्व का पता चला। 2009 में, मैथ्यू ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल की स्नातक मिशेल ज़ैटलिन के साथ मिलकर क्लाउडफ्लेयर की स्थापना की, और 2019 में कंपनी सार्वजनिक हो गई।