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भारत में मेडिकल शिक्षा में बड़ा बदलाव: 10,650 नए MBBS सीटों की मंजूरी

भारत में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जिसमें NMC ने 10,650 नए MBBS सीटों को मंजूरी दी है। यह निर्णय छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाने की चाह रखते हैं। इसके साथ ही, सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 75,000 नए मेडिकल सीटों का निर्माण करना है। इस लेख में जानें कि कैसे यह पहल न केवल चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूत करेगी।
 
भारत में मेडिकल शिक्षा में बड़ा बदलाव: 10,650 नए MBBS सीटों की मंजूरी

NEET UG: मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने की चाह रखने वाले छात्रों के लिए खुशखबरी



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस 2024 पर किए गए वादे के अनुसार, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने देश में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। NMC ने 10,650 नए MBBS सीटों को मंजूरी दी है। यह निर्णय इस वर्ष प्रवेश लेने वाले छात्रों के साथ-साथ अगले वर्ष के प्रवेश प्रक्रिया में भी लाभकारी होगा।


सरकार का लक्ष्य: अगले पांच वर्षों में 75,000 नए मेडिकल सीटों का निर्माण

आइए अब कुल सीटों की संख्या पर नज़र डालते हैं।


41 नए मेडिकल कॉलेजों का समावेश


NMC के प्रमुख डॉ. अभिजात शेख ने बताया कि 41 नए मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी के साथ, देश में मेडिकल संस्थानों की कुल संख्या 816 हो गई है। 170 आवेदन पत्रों में से 10,650 नए MBBS सीटों को मंजूरी दी गई है, जिसमें 41 सरकारी और 129 निजी संस्थानों के आवेदन शामिल हैं। इससे 2024-25 सत्र के लिए MBBS सीटों की कुल संख्या 137,600 हो जाएगी। इसमें राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (INI) की सीटें भी शामिल हैं।


PG सीटों में भी 5,000 की वृद्धि

पोस्टग्रेजुएट (PG) पाठ्यक्रमों के लिए भी कई आवेदन प्राप्त हुए हैं। NMC ने 3,500 से अधिक नए और नवीनीकरण आवेदन प्राप्त किए हैं। आयोग का अनुमान है कि लगभग 5,000 नए PG सीटों का समावेश होगा, जिससे PG सीटों की कुल संख्या 67,000 तक पहुंच जाएगी। इस वर्ष UG और PG सीटों में लगभग 15,000 की वृद्धि होगी।


चिकित्सा अनुसंधान को भी मिलेगा बढ़ावा

डॉ. शेख ने यह भी बताया कि इस बार मेडिकल असेसमेंट और रेटिंग बोर्ड (MARB) के निर्णयों के खिलाफ सभी अपीलों का समाधान बिना किसी अदालत की मध्यस्थता के किया गया। इसके अलावा, NMC अब चिकित्सा पाठ्यक्रम में नैदानिक अनुसंधान को शामिल करने की दिशा में काम कर रहा है। इसके लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ सहयोग की योजना बनाई जा रही है।


स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक कदम

यह पहल न केवल चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करेगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूत करेगी। यह देश में डॉक्टरों की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद करेगी और स्वास्थ्य क्षेत्र को एक नई दिशा देगी।